ई रिक्शाएं सुविधाओं से अधिक लोगों के लिए सिर दर्द बन गई

बिजनौर। जिले में दिनों दिन बढ़ती जा रही ई रिक्शाएं सुविधाओं से अधिक लोगों के लिए सिर दर्द बन गई हैं। अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में ई रिक्शा चालक गली कूचों से शहर में प्रवेश कर भारी जाम का सबब बन रहे हैं। उप संभागीय कार्यालय में करीब ढाई हजार ई रिक्शा ही दर्ज हैं। जबकि जिले भर में करीब तीन गुनी ई रिक्शाएं सड़कों पर दौड़ रही हैं। लोगों ने ई रिक्शाओं के कारण शहर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने की मांग की है।
पिछले पांच सालों में ई रिक्शाओं का चलन बढ़ा है। शुरुआती दौर में इनकी संख्या कम होने के कारण लोगों को काफी राहत थी। देखते ही देखते वर्तमान में सैकड़ों की तादाद में शहर के विभिन्न हिस्सों में ई रिक्शाओं का संचालन होने लगा है। पर्यावरण के लिहाज से भी ई रिक्शाओं को मुफीद माना जा रहा था। लेकिन दिनों दिन बढ़ती ई-रिक्शा तथा और स्टैंड की व्यवस्था नहीं होने के कारण अब वह लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। अधिकांश ई रिक्शा रेलवे और बस स्टेशन पर देखी जाती हैं। एआरटीओ प्रशासन प्रणव झा के अनुसार नियमों की अनदेखी कर ई रिक्शों का संचालन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
एआरटीओ कार्यालय में दर्ज ई रिक्शाएं
एआरटीओ के मुताबिक जिले में करीब आठ हजार के आसपास ई रिक्शाएं दौड़ रही हैं। नियमानुसार सभी का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। लेकिन एआरटीओ कार्यालय में करीब 3027 ई रिक्शाएं ही दर्ज हैं। एआरटीओ प्रवर्तन मनोज कुमार ने बताया कि अवैध रूप से ई रिक्शा संचालित करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।